बच्चों में जुकाम और खांसी की समस्या आम है, खासकर जब उनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता। छह महीने की उम्र तक, शिशुओं को मां की प्रतिरक्षा से सुरक्षा मिलती है, लेकिन इसके बाद उनका इम्यून सिस्टम धीरे-धीरे विकसित होता है। इस दौरान, जब बच्चों को खांसी या जुकाम हो, तो वे बुखार, छींक, अनिद्रा, दूध पीने में कठिनाई, और निरंतर खांसी जैसे लक्षण दिखा सकते हैं। इन समस्याओं का इलाज करने के लिए कुछ घरेलू उपायों का सहारा लिया जा सकता है, जो बच्चों को राहत देने में मदद कर सकते हैं।
- सरसों के तेल से मालिश
सरसों के तेल से मालिश करना बच्चों में जुकाम और खांसी को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसके लिए, सरसों के तेल में कलौंजी के बीज और दो लहसुन की कलियां डालकर उसे गर्म करें। फिर इस तेल से बच्चे की पीठ, छाती, हथेलियों और पैरों की मालिश करें। यह उपाय खांसी को कम करने में मदद करता है।
- तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते के एंटीबैक्टीरियल गुण बच्चों की खांसी को ठीक करने में सहायक हो सकते हैं। आप तुलसी का रस और शहद मिलाकर बच्चों को दे सकते हैं, लेकिन इसके उपयोग की मात्रा पर ध्यान रखें। यह खांसी से राहत प्रदान कर सकता है।
- हल्दी का सेवन
हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो खांसी और जुकाम को दूर करने में मदद करते हैं। आप हल्दी को दूध में मिलाकर बच्चों को दे सकते हैं। हल्दी श्लेष्मा को पतला करने और बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे खांसी और जुकाम की समस्या हल होती है।
- लहसुन का सेवन
लहसुन में भी एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो खांसी और जुकाम को दूर करने में मदद कर सकते हैं। यदि बच्चा मां का दूध पी रहा है, तो मां अपनी डाइट में लहसुन को शामिल कर सकती है, ताकि बच्चे को इसके लाभ मिल सकें।
- भाप (स्टीम) लेना
कुछ बच्चों को भाप लेने से खांसी और जुकाम में राहत मिल सकती है। हालांकि, छोटे बच्चों के लिए भाप लेना कितना सुरक्षित है, यह जानने के लिए विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है। सही तरीके से भाप देने के बारे में माता-पिता को पूरी जानकारी होनी चाहिए।
- विटामिन C का सेवन
विटामिन C से भरपूर फल और जूस बच्चों को खांसी और जुकाम से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए बच्चों की डाइट में विटामिन C को शामिल करना लाभकारी हो सकता है।
निष्कर्ष:
इस लेख में हमने कुछ घरेलू उपायों का जिक्र किया है, जो बच्चों में खांसी और जुकाम को दूर करने में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, यदि बच्चा किसी चीज़ से एलर्जी से पीड़ित है, तो इन उपायों का उपयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही, किसी भी उपाय को बच्चे की डाइट में शामिल करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।
महत्वपूर्ण नोट:
हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
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